Sharad Purnima 2024 इस बार खास रहने वाली है, क्योंकि 90 साल बाद ऐसा अद्भुत महा संयोग बन रहा है, जब 6 विशेष राशियों को धन लाभ के योग बनेंगे। यह तिथि न केवल धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है, बल्कि ज्योतिष शास्त्र के अनुसार भी इसे बेहद शुभ माना जाता है। शरद पूर्णिमा को चांद अपनी पूरी चमक के साथ धरती पर अपनी किरणें बिखेरता है, और इस दिन चांद की रोशनी को विशेष रूप से लाभदायक माना जाता है।
Sharad purnima 2024 का पर्व भारत के प्रमुख त्योहारों में से एक है, जिसे खासतौर पर पूजन, व्रत और रात में खीर बनाने के लिए जाना जाता है। इस रात चांदी के बर्तन में खीर रखी जाती है, जिसे अगले दिन प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है। इस विशेष पर्व पर चांद की किरणों से न केवल आध्यात्मिक लाभ होता है, बल्कि इसे स्वास्थ्य और धन वृद्धि के लिए भी महत्वपूर्ण माना जाता है।
Sharad purnima importance
Sharad purnima 2024 को हिंदू धर्म में विशेष महत्व दिया जाता है। इसे “कोजागरी पूर्णिमा” और “रास पूर्णिमा” के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन मां लक्ष्मी धरती पर विचरण करती हैं और जो व्यक्ति रातभर जागकर लक्ष्मी की आराधना करता है, उसे अपार धन-धान्य का आशीर्वाद मिलता है। इस दिन उपवास रखने और मां लक्ष्मी की पूजा करने से घर में समृद्धि आती है।
ज्योतिषीय दृष्टि से भी शरद पूर्णिमा का महत्व अधिक है। चंद्रमा अपनी 16 कलाओं के साथ इस रात को पूरी तरह चमकता है, और उसकी किरणें पृथ्वी पर विशेष सकारात्मक ऊर्जा का संचार करती हैं। इस दिन की गई पूजा और व्रत से धन, स्वास्थ्य और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है।
चांद की रोशनी बताई जाती है लाभदायक
शरद पूर्णिमा की रात को चंद्रमा की रोशनी को विशेष रूप से लाभदायक माना गया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इस रात चंद्रमा से निकलने वाली किरणों में विशेष गुण होते हैं, जो हमारी सेहत के लिए फायदेमंद होते हैं। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस रात चांद की रोशनी में बैठने से और उसकी किरणों से हमारे शरीर को ऊर्जा मिलती है, जिससे स्वास्थ्य लाभ होता है।
कहते हैं कि इस दिन चंद्रमा की रोशनी में बैठने से तन और मन दोनों को शांति मिलती है। इसलिए इस रात लोग खुले आकाश के नीचे बैठकर पूजा करते हैं और खीर को चांद की रोशनी में रखते हैं ताकि उसमें चंद्रमा की किरणों का स्पर्श हो सके।
6 rashifal जिन्हें मिलेगा धन लाभ
इस Sharad purnima 2024 पर 90 साल बाद जो विशेष महा संयोग बन रहा है, वह 6 rashifal के लिए खासतौर पर शुभ रहने वाला है। इन राशियों को इस समय धन लाभ के योग बन रहे हैं, जो निम्नलिखित हैं:
- मेष राशि – इस राशि के जातकों को अप्रत्याशित धन लाभ हो सकता है। व्यवसाय में सफलता और नए अवसर मिलेंगे।
- वृषभ राशि – आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और निवेश से लाभ प्राप्त होगा।
- कन्या राशि – धन वृद्धि के योग बन रहे हैं। व्यापार में उन्नति और नए सौदे होंगे।
- तुला राशि – नौकरी में तरक्की के साथ-साथ धनलाभ की संभावनाएं प्रबल हैं।
- धनु राशि – इस राशि के जातकों के लिए यह समय आर्थिक स्थिरता लाएगा। पुराने निवेश से लाभ होगा।
- मकर राशि – मकर राशि के लोगों को विशेष आर्थिक लाभ हो सकता है। व्यापार में विस्तार के योग हैं।
Sharad purnima 2024 puja time
शरद पूर्णिमा 2024 पूजन का समय
Sharad purnima 2024 की puja का शुभ time 16 अक्टूबर 2024 को है। इस दिन चंद्रमा अपनी पूर्णता पर होता है और इसे विशेष रूप से पूजनीय माना जाता है। शरद पूर्णिमा की पूजा रात्रि में की जाती है, जब चांद अपनी पूर्ण रोशनी के साथ धरती पर चमकता है।
पूजन का समय:
- पूर्णिमा तिथि आरंभ: 8:41 pm 16 अक्टूबर 2024
- पूर्णिमा तिथि समाप्त: 17 अक्टूबर 2024 को 04:53 pm
- चंद्र दर्शन और पूजा का शुभ मुहूर्त: रात्रि 10:00 बजे से मध्यरात्रि 12:00 बजे तक का समय सबसे उत्तम माना जाता है।
इस समय चंद्रमा की किरणें धरती पर सीधी पड़ती हैं, जो धार्मिक और ज्योतिषीय रूप से बहुत शुभ मानी जाती हैं। इस मुहूर्त में मां लक्ष्मी और चंद्रमा की पूजा करना विशेष फलदायी होता है, और चांदी के बर्तन में खीर रखकर चंद्र दर्शन किया जाता है।
शरद पूर्णिमा को क्या भोजन बनाया जाता है?
शरद पूर्णिमा के दिन खासतौर पर खीर बनाने की परंपरा है। खीर को दूध और चावल से बनाया जाता है और इसमें शक्कर और मेवे डाले जाते हैं। यह खीर विशेष रूप से चांद की रोशनी में रखी जाती है ताकि उसमें चंद्रमा की किरणों का प्रभाव हो सके। खीर को अगले दिन प्रसाद के रूप में ग्रहण किया जाता है, जिसे बहुत शुभ माना जाता है।
इस दिन खीर के अलावा पूड़ी, सब्जी और अन्य पकवान भी बनाए जाते हैं, लेकिन खीर का विशेष महत्व है क्योंकि इसे चांद की रोशनी में रखने की परंपरा सदियों से चली आ रही है। इस भोजन को ग्रहण करने से शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
चांद की रोशनी में चांदी के बर्तन में क्यों रखी जाती है kheer?
शरद पूर्णिमा की रात खीर को चांदी के बर्तन में रखने की परंपरा है, क्योंकि चांदी को शीतलता प्रदान करने वाला धातु माना जाता है। धार्मिक मान्यता है कि चांदी के बर्तन में रखी खीर पर चांद की किरणों का प्रभाव अधिक होता है, जिससे खीर में विशेष औषधीय गुण आ जाते हैं। यह खीर स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी मानी जाती है और इसे ग्रहण करने से मन, शरीर और आत्मा को शांति मिलती है।
चांद की किरणें जब चांदी के बर्तन में रखी खीर पर पड़ती हैं, तो खीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, जिससे इसे प्रसाद के रूप में खाने से विशेष लाभ होता है। यही कारण है कि इस रात चांदी के बर्तन में खीर रखकर चांद की पूजा की जाती है।
Sharad Purnima 2024 date
Sharad purnima 2024 date 16 october 2024 को है। इस दिन का विशेष महत्व है क्योंकि इस बार 90 साल बाद ऐसा महा संयोग बन रहा है, जब चंद्रमा की किरणें और ज्योतिषीय प्रभाव एक साथ मिलकर अद्भुत परिणाम देंगे। इस दिन को लेकर सभी ज्योतिषी और धर्मगुरु मानते हैं कि यह दिन व्रत, पूजा और उपवास के लिए सबसे शुभ रहेगा।
इस शरद पूर्णिमा पर मां लक्ष्मी की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए रात्रि में जागरण और चंद्रमा की पूजा का महत्व बताया गया है। यदि आप भी इस अद्भुत संयोग का लाभ उठाना चाहते हैं, तो इस दिन व्रत रखकर मां लक्ष्मी की आराधना करें और चांदी के बर्तन में खीर रखकर चंद्रमा की रोशनी का लाभ उठाएं।
Sharad Purnima 2024 का यह महा संयोग जीवन में धन, समृद्धि और खुशहाली लाने का अद्भुत अवसर हो सकता है।